खूनी जज

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जब भी यादों के पन्ने पलटती हूॅं, गुजरा हुआ वक्त उस जज की  तरफ ही उंगलियां उठाते हुए उसे ही कसूरवार मानता है। भरी अदालत में उस जज के सामने चीख ...

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