राजा की रानी

305 Part

37 times read

0 Liked

वैष्णव ने कहा, “क्यों गुसाईं, बात क्यों नहीं करते?” मैंने कहा, “सोच रहा हूँ।” “किसका सोच कर रहे हो?” “तुम्हारे बारे में सोच रहा हूँ।” “यह तो मेरा बड़ा सौभाग्य है।” ...

Chapter

×