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“शाम को ही आया हूँ। बरामदे में बड़ी अच्छी हवा थी, आलस्य में जरा सो गया था।” “बहुत अच्छा किया। खाया नहीं है न?” “जी नहीं।” “तब तो रतन, तूने बड़ी ...