दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए। उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए ।

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दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए। उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए । यादें तुम्हारी आई और आंखें बरस पड़ी। दुनिया समझ रही थी कि सब जख्म ...

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