सदियों की कहानी को लम्हों में सुनानी है. समझो गर आंसू है ना समझो तो पानी है।

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सदियों की कहानी को लम्हों में सुनानी है. समझो गर आंसू है ना समझो तो पानी है। सिने बलोगत पर है जब से कदम रखा। बेशर्त मोहब्बत की बाशर्त कहानी है। ...

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