अश्कों का समंदर है ग़रका़ब तो होगा।

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 ❤️❤️ ग़ज़ल ❤️❤️ अश्कों का समंदर है ग़रका़ब तो होगा। सुनी सी हैं ये आंखें मगर ख़्वाब तो होगा। मायूस जो बैठा है दालान में तन्हा। उसका भी कोई घर कोई ...

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