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पिता का दिया, जिसने वचन निभाया माता के श्राप को, था सर पर बैठाया प्रेम और भक्ति का, प्रकाश फैलाया वो राम, मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाया पापियों का जिसने, कर दिया उद्धार ...