संसार

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हम तुम बनकर हमसफर,  दो अनजान चले एक राह पर,  कितने बरस बीत गए,  पर एक है डगर , लड़ते -झगड़ते ,रूठते -मनाते,  चाहेंगे कट जाए यूं ही सफर,  मिले थे ...

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