बंधन

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जाने क्यों तू बैठे सोचे गिद्ध आगे खड़ा हो नोचे सुन ले अब तू सबका क्रंदन तोड़ें विचलित करते बंधन फैल रहा है तिमिर घनेरा मुश्किलें सभी डालें डेरा क्यों नहीं ...

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