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ढलती हुई शाम ---------------------● उम्र की ढलती हुई शाम में कभी साथ न छोड़ना कहती आँखें बुजुर्गों की ,तब हमारा हाथ न छोड़ना पूरी जिंदगी बन छाँव हमने शीतलता दी आपको ...