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कैद है हर लम्हे का तसव्वुर निगाहों में मेरी.... अब फिर से नये लम्हों का आगाज होगा नहीं..... बढ़ाकर एक कदम और अब दरिया पार होगा नहीं.... इश्क कर बैठे हैं ...