बेकरारी

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चाँद  भी  था चमक रहा तारे   भी   टिमटिमा  रहे झिंगुर   भी   आज  जैसे मीठे    गीत   हैं   गा  रहे शरमाई   सी   खड़ी   वो मन  में  अरमान  बह रहे बेकरार   मेरा   दिल  ...

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