उन की कशिश

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यह किस की कशिश है, है किस का नशा? ढूंढते हज़ारों चेहरों में बस इक चेहरा उसी का; सोचते हर लम्हा उसे ही डूबे रहते हर घड़ी, खयालों में उसके ही ...

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