संघर्ष

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जीवन बीता जा रहा है संघर्ष की ओर क्या पनपेगा फिर उत्कर्ष की ओर नित्य नई ज़िन्दगी जिये जा रहा हूँ दौड़ेगी गाड़ी शून्य से सहस्र की ओर 🖋️ रवि गोयल ...

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