अकाल लेखनी प्रतियोगिता -03-Feb-2022

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रिश्तें नातें मिट रहे हैं।  आज इस जहान में।  कोई भी नहीं किसी का, रिश्तें है अब खाक से। प्रेम के  ये रिश्ते अब , बचे है बस नाम के। रिश्ते ...

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