लेखनी प्रतियोगिता -05-Feb-2022 समर्पण

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सपने सब पूरे हो गए मन के,  रोग हर लो मांँ मेरे तन के  जो कुछ मांगा जीवन में , उससे ज्यादा दिया क्षण में, कलियां खिलती रहे उपवन में , ...

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