चांदनी

1 Part

307 times read

9 Liked

चाँद की चांदनी में छनकर जब काली घटा छाती है शबनम की कोई बूंद जब पपीहे की प्यास बुझाती है टिमटिमाते तारे को देख जब अपनों की याद सताती है तुम ...

×