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ख्वाब हमारे आंखों में जाने कितने लहराए हैं। दिल में आकर मेरे बसे हैं नींद चुराने आए हैं। ❤️ कितनी प्यासी प्यासी धरती अंबर को मालूम नहीं। तेरी घनेरी जु़ल्फ के ...