बेटी दिवस

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मैं ख़ुदा की बनाई हुई अज़ीम हस्ती हूं , ये ना समझना कि ग़मों की बस्ती हूं ,। मैं मां ,बहन, बेटी,हमसफर और हमदर्द हूं , देखने में नाज़ुक मगर बुलंद ...

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