1 Part
480 times read
20 Liked
परिधान में पहनूं मैं साड़ी , काहे को तेरी निगाहे है आड़ी | रूप मेरा जो सज रहा हैं, तू मेरा नाम भज रहा हैं | अग्न जो तेरे जियरा में ...