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मैली चादर देखकर भी हम मुॅंह न बिचकाएं अपनों की खुशी देखकर क्यों ईर्ष्या से भर जाएं? दोषारोपण करते रहते क्यों ना अपनों पर दोष लगाए? श्रेष्ठ बता ...