दावत

1 Part

182 times read

28 Liked

सोच रही हूॅं तमाम ख्वाहिशों को मौत   का   दावत   दे   दूं ऑंखों का कहना है बहुत रूलाती है यह इसे हमेशा के लिए तिलांजलि दे दूं। अब तो  लम्हें  भी  कह  ...

×