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सोच रही हूॅं तमाम ख्वाहिशों को मौत का दावत दे दूं ऑंखों का कहना है बहुत रूलाती है यह इसे हमेशा के लिए तिलांजलि दे दूं। अब तो लम्हें भी कह ...