राज़

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वो लोग भी मुझे कहते हैं दगाबाज जिनके लिए नहीं बदले कभी मेरे अंदाज़ उन्हें क्या पता हम कितने अकेले हैं सीने में दबाए बैठे हैं आज भी उनके राज़ 🖋️ ...

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