खुली किताब

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खुली किताब की तरह मैं भी रखना चाहता हूँ अपनी जिंदगी डर इस बात का है कि कहीं मोहब्बत का पन्ना ना कोई फाड़ दे 🖋️ रवि गोयल ...

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