अनकहे अल्फाज

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 बदगुमानी की पट्टी बांध आँखो पर  कुछ इस तरह रुसवा हो चुके हो , ना सिसकते एहसासों का कोई ख्याल  ना ही सुबकते हुये इन सपनो का , कही दूर तड़पती ...

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