1 Part
365 times read
36 Liked
बदगुमानी की पट्टी बांध आँखो पर कुछ इस तरह रुसवा हो चुके हो , ना सिसकते एहसासों का कोई ख्याल ना ही सुबकते हुये इन सपनो का , कही दूर तड़पती ...