तुम मेरे ख्यालों में ख्वाब बनकर आते हो

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क्यों फरेब करते हो क्यों  फरेब खाते हो। तुम मेरे ख्यालों में ख्वाब बन के आते हो।           रात का वह सन्नाटा और आहटें तेरी।       ...

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