दर्पण #एक स्त्री का -----●🍁(1)

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दर्पण :-एक  स्त्री  का  ------------------------------● जाने  कहाँ  से  यादों  का  मेला  इंसान  को  उसकी  तनहाइयों में  भी  अकेला  नहीं  छोड़ता. आज  खिड़की खोल  बैठी  वो  बाहर  मेघों  को  आपस  में  बतियाते  ...

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