लेखनी प्रतियोगिता -07-Aug-2022 - आतंक

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अखबार की सुर्खी देखी, हमने एक लड़की सुखी देखी।  पढ़कर हुआ अचंभा, सुंदर इतनी जैसे रंभा। गम उसको कोई न था, पैसा उसके पास कम न था। फिर पड़ी एक चक्कर ...

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