लेखनी प्रतियोगिता -07-Sep-2022 - स्त्री की आकांक्षा

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एक स्त्री कुदाल लिए तपती धूप में,  पत्थरों को तोड़ती हुई हर रूप में। डूबते सूरज का करती हुई इंतजार , जैसे कुछ सोच रही मन में बार बार । चाहती ...

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