1 Part
330 times read
15 Liked
एक स्त्री कुदाल लिए तपती धूप में, पत्थरों को तोड़ती हुई हर रूप में। डूबते सूरज का करती हुई इंतजार , जैसे कुछ सोच रही मन में बार बार । चाहती ...