बरसात

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ख्वाहिशों की टूटती  बरसात बहुत होती है अंदर भींग कर बरसात के पानी में रो लेते हैं बाहर। किसी से भी शिकवा गिला नहीं करते हैं बचा कर अपने आप को ...

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