कुछ दिल से --🍁-------◆●••

1 Part

136 times read

4 Liked

कुछ दिल से🍁 ••••••••••••••••••••//◆● आती नहीं विधा साहित्य की मुझे  मैं तो बस अंतस को उकेरती हूँ जैसे हों मोती भरे कहीं  दोनों हाथों से बिखेरती हूँ परे हूँ मेरी समझ ...

×