लेखनी प्रतियोगिता -25-Nov-2022

1 Part

378 times read

14 Liked

तुमने छुआ था यार जो नाजो अदा के फूल। दिल को हमारे भा गए शर्म ओ हया के फूल। खुशियों को अपने लफ्ज़ कभी दे सका न मैं। उसने दिया था ...

×