लेखनी प्रतियोगिता -29-Nov-2022

1 Part

268 times read

18 Liked

तेरी दहलीज पर झुकता हुआ सर लगता है। मुझे अब अपनी अना से भी डर लगता है। मेरी रूह भी बसने लगी है तेरे शहर में। हयात जितना है सामान ए ...

×