बेटी

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मशकूर हूँ उस रब की  बेटी जो बनाया है  रौनक हूँ मैं आंगन की  नाज़ुक सा खजाना है  ज़ालिम सी ये दुनिआ से  बचकर मुझे जाना है  छोटी से बड़ी हुई ...

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