अ़जीब लुत्फ़ सी होती है तेरी बातों में। कि कभी जी नहीं भरता है मुलाका़तों में।

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अ़जीब लुत्फ़ सी होती है तेरी बातों में। कि कभी जी नहीं भरता है मुलाका़तों में। तुम से नाता़ है पुराना कोई वफा़ओं का तुमसे मिलने की  लकीरें है मेरे हाथों ...

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