Anam

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रहीमदास जी के दोहे



पावस देखि रहीम मन, कोइल साधे मौन
अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन।।

अर्थ—

वर्षा ऋतु को देखकर कोयल और रहीम के मन ने मौन साध लिया है। अब तो मेंढक ही बोलने वाले हैं। हमारी तो कोई बात ही नहीं पूछता। अभिप्राय यह है कि कुछ अवसर ऐसे आते हैं जब गुणवान को चुप रह जाना पड़ता है। उनका कोई आदर नहीं करता और गुणहीन वाचाल व्यक्तियों का ही बोलबाला हो जाता है। 

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