ये जो लम्हा है जुदाई का, मुझे इस लम्हे से शिकायत है, उस पर तेरा यूं खामोश रहना, और हौले से मुस्कुराना,उफ़्फ़,कयामत है।
पर तेरी मेरी मुलाकात में साथी, कुछ बातें रह गई होंगी बाकी,
शायद इसीलिये फलक से बूंदे बरस रही हैं, जल्दी नही, अब कह दो,जो बातें नहीं कही हैं, जो थम गई बारिश तो जाना होगा, अभी वक़्त भी है मुनासिब,और मौका भी सही है।
Gunjan Kamal
14-Sep-2021 06:00 AM
Bahut khoob
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Yug Purush
14-Sep-2021 05:37 AM
Nice one 🙏
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Zakirhusain Abbas Chougule
14-Sep-2021 12:37 AM
Nice
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