Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -01-Feb-2023 ओस की बूंदे लगती मोती

शीर्षक-ओस की बूंदे लगती मोती

ओस की बूंदे, लगी जमने।
 धवल सी , लगी चमकने।
प्रकृति को देखो, रूप निखरे।

जब पड़ती किरणें,
पुष्प जब खिलते,
चमन देख हॅंसते।

निराला होता ,उजाला होता।
लगे प्यारा, सजे न्यारा।
दुनिया देखे ,ऐसा नजारा।

डालिया हॅंसे, सुमन खिले।
मंद मंद प्रकृति , हैं मुस्कुराती,
रूप अपना, देखो सॅंवारती।

मोती सी लगती,
 पत्तियों में सजती,
जैसे मोतियों को पहनी।

मदमाता रुप तेरा, लगे सुहाना।
प्रकृति को लगे, लुभावना।
ऐसा है प्रकृति का रुप निराला।






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6 Comments

Gunjan Kamal

02-Feb-2023 12:12 PM

बहुत खूब

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Abhinav ji

02-Feb-2023 08:57 AM

Very nice 👍

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लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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