लेखनी प्रतियोगिता -01-Feb-2023 ओस की बूंदे लगती मोती
शीर्षक-ओस की बूंदे लगती मोती
ओस की बूंदे, लगी जमने।
धवल सी , लगी चमकने।
प्रकृति को देखो, रूप निखरे।
जब पड़ती किरणें,
पुष्प जब खिलते,
चमन देख हॅंसते।
निराला होता ,उजाला होता।
लगे प्यारा, सजे न्यारा।
दुनिया देखे ,ऐसा नजारा।
डालिया हॅंसे, सुमन खिले।
मंद मंद प्रकृति , हैं मुस्कुराती,
रूप अपना, देखो सॅंवारती।
मोती सी लगती,
पत्तियों में सजती,
जैसे मोतियों को पहनी।
मदमाता रुप तेरा, लगे सुहाना।
प्रकृति को लगे, लुभावना।
ऐसा है प्रकृति का रुप निराला।
Gunjan Kamal
02-Feb-2023 12:12 PM
बहुत खूब
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Abhinav ji
02-Feb-2023 08:57 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
02-Feb-2023 07:44 AM
लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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