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श्रीगणेश-वंदना

श्रीगणेश-वंदना
जय-जय-जय हे देव गजानन,
शत-शत नमन हमारा है।।
प्रथम देव हो तुम इस जग के,
तेरा  इसे  सहारा  है।।

हे शिवनंदन-गौरीपुत्रम,
तेरा जग वंदन करता।
हे लंबोदर-मोदकप्रेमी,
पूजन तेरा दुख हरता।
बुद्धि-प्रदाता,हे सुख-दाता,
सारा विश्व तुम्हारा है।।
      प्रथम देव हो तुम इस जग के,
       तेरा इसे सहारा है।।

वक्रतुण्ड,हे उमा-पुत्र तुम,
सब देवों के स्वामी हो।
प्रेमी हो तुम जम्बू फल के,
सब देवों में नामी हो।
हरो विघ्न अब त्वरित जगत का,
जग ने तुम्हें पुकारा है।।
     प्रथम देव हो तुम इस जग के,
      तेरा इसे सहारा है।।

ब्रह्मा-विष्णु-रुद्र-इंद्र तुम,
पावक-पवन-भास्कर हो।
तुम्हीं चंद्रमा,अवनि-नीर भी,
ओंकारक-गुण-सागर हो।
केवल तुझमें सकल शक्ति का,
जग ने रूप निहारा है।।
     प्रथम देव हो तुम इस जग के,
      तेरा इसे सहारा है।।

एकदंत,हे सिद्धिविनायक,
लाल वस्त्र धारी तुम हो।
असुर-शक्ति के घालक हे प्रभु,
सबके हितकारी तुम हो।
जीत दिलाते उसको भी तुम,
जीवन-रण जो हारा है।।
      प्रथम देव हो तुम इस जग के, 
       तेरा इसे सहारा है।।
                  ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                      9919446372

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2 Comments

Gunjan Kamal

05-Feb-2023 02:28 PM

🙏🏻🙏🏻

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अदिति झा

03-Feb-2023 11:19 AM

Nice 👍🏼

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