Anam

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रहीमदास जी के दोहे



रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली ना प्रीत
काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँति विपरीत।। 

अर्थ—

रहीमदास जी कहते हैं कि कम दिमाग के व्यक्तियों से ना तो प्रीत और ना ही दुश्मनी अच्छी होती है। जैसे कुत्ता चाहे काटे या चाटे दोनों को विपरीत अर्थात हानिकारक ही माना जाता है।

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