Vishal Ramawat

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फ़र्ज(भाग:-3)

फर्ज़ चेप्टर 3

अब तक आपने पढ़ा अभिमन्यु सबके लिए गुलाब लेकर आता है और देता है बाज़ार मे वो एक छोटी बच्ची से मिलता है जयदेव उससे कुछ कहता है और अभिमन्यु का चेहरा देखने लगता है

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अब आगे

अभिमन्यु जो अभी तक शान्ति से बैठ कर जय की बाते सुन रहा था वो अचानक जोर से हँसने लगता है! 
और हस्ते हुए कहता है  "इतनी सी बात के लिए  तुम इतना क्यों डर रहे हो यार"
जय के साथ साथ पीछे खडे जवानों की भी जान में जान  आयी। अभिमन्यु बोला "तुम यह बातें सीधे मेजर सर से भी तो बोल सकते हो, ओर हो सकता मेजर सर तुम लोगो की बात मान जाय"

जय बोले , "नही कैप्टन यहाँ तुमसे बात करने में हालत खराब हो गयी, यहाँ पर भी सभी ने मुझे आगे किया, वहा मेजर सर से कौन बात करेगा, नही अब तो आप ही बात करेंगे भी, और मेजर सर को मनायेगे भी! बस अब ओर कुछ भी नही सुनना मुझे"
अभिमन्यु  बोला "ठीक है मैं बात करके देखता हूं सर मानते हैं या नहीं "
 तभी सभी जवान अभिमन्यु ओर जय के पास आके अभिमन्यु से बोले "सर अभी बात करिये ना"

अभिमन्यु बोला "तुम लोग अपने कैप्टन्स की बाते सुनते हो इसके लिये तूम सब को सजा मिल सकती है"
सभी गर्दन झुका के खड़े हो गए और सभी ने साथ मे सॉरी बोला! अभिमन्यु बोला अभी के लिये माफ् कर रहा हु आगे से ध्यान रखना सभी जवान मुस्कुरा दिए और वो वहाँ से जाने लगा , तो एक जवान बोला  "आप कहा चले  सर"
अभिमन्यु मुस्कराते हुए बोला "तुम लोगो की मन की मुराद पूरी करने जा रहा हूँ"
 जवान बोला "ok सर जाईए , जल्दी आना सर"। अभिमन्यु हँसते हुए मेजर सर के केबिन की तरफ जाने लगा।अभिमन्यु सोचते हुए आगे बढ़ता जा रहा था वैसे वैसे ही उसका डर भी बढ़ रहा था कि सर ने अगर मना कर दिया तो जवान दुखी हो जायेगे कोई बोलेगा तो नही पर इनकी जो चेहरे पर मुस्कराहट है वो चली जायेगी।


जब अभिमन्यु मेजर सर के केबिन में जाता है वो जयहिन्द बोल कर खड़ा रहता है सर उसे बैठने के कहता है वो बैठ जाता है। मेजर उस समय कोई फ़ाइल पढ़ रहे थे तब अभिमन्यु बोलता है "सर आप बिज़ी हो तो मै बाद में आता हूं"

मेजर सर बोले "नही कैप्टन बैठे" सर ने फ़ाइल साइड में रखी और बोले "क्या हुआ कुछ बात करनी थी? "
अभिमन्यु बोला "जी सर"

 मेजर बोले, "बोलो कैप्टन क्या बात है बताओ"
अभिमन्यु बोला "सर पिछले महीने जो भी हुआ उसके बाद काफी जवान बहुत ज्यादा परेशान है, और दर्द में भी है। सर अगर वे ऐसे ही परेशान रहे तो ड्यूटी पर ध्यान नही दे पाएंगे और मैं नही चाहता कि हमारा एक भी जवान कमजोर पड़े , हमरा हर एक जवान बहुत कीमती है हमारे लिए" 

कैप्टन ओर मेजर सर दोनों बात करते हुए बाहर निकल गये।  मेजर सर बोले "क्या कर सकते है अपने जवानों के लिए कैप्टन"  अभिमन्यु बोला, "सर नया साल आ रहा है सोच रहा था कि एक छोटी सी पार्टी रख लेते हैं, जिससे सभी जवान खुश हो जायेगें, उस समय आप भी उनसे बात कर लेना इस बारे में"

 मेजर कुछ सोचते हुए बोले "मुझे नही लगता कि इस तरह के माहौल में कोई पार्टी करना सही रहेगा"

अभिमन्यु बोला "लेकिन सर मुझे लगता है यह पार्टी करनी चाहिए क्योंकि आपको भी पता हमारे साथ कब क्या हो जाय कुछ कहा नही जा सकता, और वैसे भी हम लोग ज्यादा बड़ी पार्टी नही करने वाले" 


दोनों बात करते-करते ग्राउंड के पास आ गए थे उनसे कुछ दूरी पर जय कुछ जवानो के साथ खड़ा बाते कर रहा था । वो लोग बाते कम कर रहे थे और मेजर सर ओर अभिमन्यु की तरफ़ ध्यान ज्यादा था उनका। उस बात पर मेजर ने ध्यान दिया तो उन्होंने समझने में देर नही लगी कि कैप्टन इन लोगो के कहने पर आये है और यह लोग उसका इंतजार कर रहे है। इस बात पर मेजर मुस्कुरा दिये। सर को हँसते हुए देख कर अभिमन्यु बोला "क्या हुआ सर?"। मेजर ने ना में गर्दन हिला ली। 


कुछ देर बात करने के बाद मेजर ने कैप्टन जय ओर जवानो को अपने पास बुलाया। जब सभी जवान मेजर के पास पहुंचे तो वो शांत भाव से सभी को देख रहे थे। सभी मेजर को इस तरह से देखने से डर रहे थे।


मेजर हँसते हुए बोले "आप लोगों का पार्टी करने का मन था" मेजर कि बात सुन कर जय के साथ साथ सभी जवान डर गए उन्हें लगा आज तो मेजर जरूर सुनाएँगे। मेजर  बोले "सभी को पता था कि अगर आप मेसे कोई आता तो शायद में मना बोल देता इसलिये आप लोगो ने कैप्टन अभिमन्यु को अपना राजदूत बना कर भेजा, क्योंकि सब जानते है कि अगर मैं मना भी करुगा तो भी कैप्टन मुझे मना लगे"


मेजर अपनी बात खत्म करके जोर से हस पड़े। उनके साथ जवान भी मुस्कराने लगे। मेजर सभी की ओर देखते हुए अभिमन्यु की ओर मुडे ओर बोले "ठीक है तुम लोग पार्टी कर सकते हो, और इस पार्टी की सारी तैयारियां आपके देख रेख में होगी कैप्टन ओर आपको ही अपने हिसाब से सारी तैयारियां करवानी है"

 अभिमन्यु बोला "नही सर आप यह जिम्मेदारी कैप्टन जय को दे दीजिए मैं नहीं कर पाऊंगा मुझे कुछ नही आता सर"

मेजर बोले "ठीक है कैप्टन फिर केंसल कर देते हैं पार्टी"
  सभी जवान एक साथ बोले "नहीं सर"

मेजर साहब मुस्कुराते हुए बोले "तो फिर मनाओ अपने कैप्टन को कि वो मेरी बात माने"

सभी ने अभिमन्यु की ओर देखा तो वो बोला "ठीक है सर"। मेजर सर बोले "बढ़िया  फिर कैप्टन, आप कल से ही तैयारिया शुरू कर दीजिए और इसमें आपका साथ देगे कैप्टन जय, जय का नाम सुनेते ही अभिमन्यु ने राहत की सांस ली"

मेजर साहब चले गए और दोनों कैप्टन ओर जवान ग्राउंड में आ गए । सभी बैठ बाते करने लगे कि पार्टी में क्या-क्या करना है । सभी  बाते कर रहे थे और कैप्टन किसी सोच में बैठे थे यह देख एक जवान बोला जिसका नाम सुनील था वो बोला "जय सर अभी सब लोग फ्री ही है तो एक गेम खेलते है"

जय बोला "कोनसा खेल" , सुनील बोला सर हम सभी जोक्स सुनाएँगे जिसके जोक्स पर सबको सबसे ज्यादा हँसी आएगा वो ही जीतेगा। इस पर जय बोला ठीक है, "फिर शुरू करते है देख लेना मैं ही जितुगा"

सभी लोग एक सर्कल में बैठ गए और जय बोला तो शुरू करो ,एक बोला "सर आप ही कर दीजिए"। जय बोल ठीक है।
जय ने बोलना शुरू किया.....

"एक खरगोश बम लेके चिड़ियाघर में घुस गया और जोर जोर से  चिल्लाते हुए बोला की तुम सभी के पास एक मिनट है जिसको नही मरना वो बाहर निकल जाओ'
उसकी बात सुन कर कछुआ बोला सीधे सीधे बोल न साले मैं ही तेरा टारगेट हूँ बचपन का बदला लेने आया हूं...


सभी जोर से हस पड़े । सुनील बोला एक मैं बोलता हूं सर...

"मीठा आम कभी कच्चा नही होता..

सभी जोर से बोलो वा वा वा...


मीठा आम कभी कच्चा नही होता,
मीठा आम कभी कच्चा नहीं होता
      ओर
मेरे बाबू ने थाना थाया वाला प्यार कभी सच्चा नही  होता"

सभी हँसते हुए अभिमन्यु की ओर देख कर बोले "सर एक आप  भी सुनाओ ना" । वो बोला मुझे नही आता यार।
सुनील बोला प्लीज् सर।
अभिमन्यु बोला ok , मैं बोलता हूं कुछ...

2 दोस्त नशे में धुत्त रेल की पटरियों के बीचो बीच जा रहे थे।
पहला: हे भगवान, मैंने इतनी सीढिय़ां पहले कभी नहीं चढ़ीं।
दूसरा: अरे सीढिय़ां तो ठीक हैं...
मैं तो इस बात पर हैरान हू् कि पकडऩे के लिए रेलिंग कितनी नीचे लगी हुई हैं।

यह जोक्स सुन कर किसी को हँसना नही । किसी को हँसता ना देख अभिमन्यु छोटे बच्चे जैसे चेहरा बनाकर मासूमियत से बोला "मेने बोला था मुझे नही आता ,ऐसा कुछ फिर भी तुम लोगो को सुनना था"
उसकी इस तरह बोलता देख सभी जवान जोर जोर से हँसने लगे। उनको ऐसे हँसते हुए देख कैप्टन गुस्सा  हो कर जाने लगा लेकिन जय ने उसे पकड़ कर बैठा दिया।

मेजर सर पास से पास से गुजर रहे थे वो भी उनके पास आके  खड़े हो गए और मुस्कुराते हुए बोले "किसने हमारे कैप्टन को गुस्सा दिलाया"
  एक  जवान (जिसका नाम  निलेश था) बोला "में बताऊ सर"। मेजर में बोलने का इशारा किया तो निलेश अभिमन्यु की नकल करते हुए सब बता दिया जिसको सुन कर एक बार  सभी फिर से जोर से हस पड़े  इस बार उनके साथ मेजर और अभिमन्यु खुद भी हस रहा था।


सभी इसी तरह हँसी मज़ाक करते रहे । रात को सभी खाना खाके अपने अपने रूम की ओर चल पड़े । अभिमन्यु भी अपने रूम में आ कर सोने  लगा क्योंकि की कल उसे बहुत काम था । मेजर सर के काम से बाहर भी जाना था और नये साल की पार्टी की तैयारी भी शुरू करवानी थी।



आर्मी में जवानों के लिए यही छोटी छोटी खुशियां होती है और यह लोग अपने परिवार से इतना दूर रहते है। परिवार की कमी तो कोई पूरी नही कर सकता पर फिर भी यह लोग एक दूसरे के परिवार बन कर रहते है। इनको भी पता है की हर रोज एक नया सूरज निकलता है और पता नही कल क्या हो जाय। 

आप लोगो के लिए कुछ जोक्स डाल रहा हु पढ़ कर आप भी मुस्कुरा लीजिये।

राजस्थान में रिश्ते हुए शर्मसार, गहरी नींद में सोए बाप के कूलर  को अपनी तरफ मोड़कर सो गया बेटा।

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आजकल लोग हंसने में भी कंजूसी कर रहे हैं

राक्षसों से ही कुछ सीख लो, सर और धड़ अलग होने के बाद भी हंसते ही रहते थे

कैसी रहेगी पार्टी जानने के लिये पढ़ते रहिये मेरी कहानी फ़र्ज़ मिलते  हैं अगले चैप्टर मे तब तक के लिये बाय बाय

कमशः
।।जयसियाराम।।
vishalramawat

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7 Comments

Gunjan Kamal

13-Feb-2023 10:41 AM

बेहतरीन

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शानदार

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बहुत खूब

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