अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है!
"माॅं! आज मैं जान चुका हूॅं कि आप मुझे हमेशा प्रैक्टिस करने के लिए क्यों बोलती रहती थी। आज अगर मेरी टीम हारी है तो उसका कारण सिर्फ और सिर्फ मैं ही हूॅं।" पनीली ऑंखों के साथ आदित्या ने अपनी माॅं की गोद में सिर रखते हुए कहा।
नीरजा जी, जो आदित्य की माॅं थी अपने बेटे की पनीली ऑंखों के पीछे छुपे दर्द को समझ चुकी थी। अपनी गोदी में रखे आदित्य के सिर पर हाथ फेरते हुए नीरजा जी मन ही मन यही सोच रही थी कि मुझे जिसका डर था वही आज हुआ है।
"किसी भी चीज का निरंतर अभ्यास हमें सफलता के शिखर पर पहुंचाता है"इस बात को मानने वाली नीरजा जी हमेशा अपने बेटे को यह सीख देने की कोशिश करती ही रहती थी लेकिन कम उम्र में ऐसी अनुभवी सोच बच्चे समझ नही पाते हैं और अपने से बड़ों की बातों की अवहेलना कर अपने आप को पूर्ण मानकर इतने लापरवाह हो जाते हैं कि भविष्य में उससे संबंधित होने वाली घटनाओं पर भी उनका ध्यान नहीं जाता है बल्कि वह इस गर्व में चूर रहते हैं और ये सोचते है कि कि मैं इस काम में इतना पारंगत हो चुका हूॅं कि किसी भी परिस्थिति का सामना मैं कर सकता हूॅं।
आदित्य से भी यही गलती हुई थी। आदित्य गलती ना करें इसके लिए नीरजा जी उसे बराबर समझाने की कोशिश करती थी लेकिन आदित्य उनकी बातों को नजरअंदाज कर अपने आप में ही रहता था। अपने विद्यालय में चौके - छक्के की बरसात और गुच्छों में विकेट लेने वाला आलराउंडर आदित्य आज डिस्ट्रिक्ट ट्रायल में वह कमाल नहीं कर पाया था जिसे करने का दावा वह पिछले छः महीने से नीरजा जी और विद्यालय के क्रिकेट मैनेजमेंट एवं अपने दोस्तों से कर रहा था।
नीरजा जी ने समझा-बुझाकर उस दिन आदित्य को तो डिस्ट्रिक्ट ट्रायल में कही बातों पर से उसका मन तो हटा दिया लेकिन जब अपने विद्यालय में भी अपने लिए उसने वही बातें सुनी तो घर आते ही वह उसका अर्थ अपनी माॅं से पूछने लगा।
"बेटा! जैसा कि तुम कहते थे और मैंने भी देखा है कि तुम अपने विद्यालय की तरफ से क्रिकेट में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे हो लेकिन जब तुम्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रायल में दूसरे जिले के खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा तब तुम वह प्रदर्शन नहीं कर पाए जो प्रदर्शन तुम करते आ रहे थे और आज इसीलिए तुम्हें यह सुनना पड़ा कि अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है क्योंकि इसका अर्थ भी यही है कि हम अपने घर में तो बहुत अच्छा खेल लेते हैं लेकिन जब दूसरे के यहां जाकर खेलने की बारी आती है तब हमें यह एहसास होता है कि हमने वहां पर खेलने की तैयारी तो की ही नही थी। काश! मैने वैसा किया होता। मैं इस बात को जानती थी इसलिए तुमसे हमेशा ही कहती थी कि तुम्हें हर सतह की मिट्टी पर अपनी बैटिंग और बॉलिंग का अभ्यास करना चाहिए लेकिन तुम मेरी बात को नहीं समझते थे और कहते थे कि मैं हर सतह की मिट्टी और हर जगह की मिट्टी में खेलने के लिए तैयार हूॅं, मुझे जैसी और जहां की भी मिट्टी पर खेलना पड़े मैं अच्छा ही खेलूंगा पर तुम ऐसा नहीं कर पाए लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आगे भी तुम ऐसा नहीं कर पाओगे। कड़ी मेहनत और अभ्यास से तुम अपनी कमियों को दूर कर 'अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है' वाली कहावत को अपने पर दूसरे लोगों को कहने से रोक सकते हो।" नीरजा जी ने अपने बेटे आदित्य को प्यार से समझाते हुए कहा।
आदित्य भी "अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है" वाली कहावत को अगले डिस्ट्रिक्ट ट्रायल में चरितार्थ ना होने देने की कसम खाता है और जी जान से अपनी बैटिंग और बॉलिंग में उन कमजोरियों को दूर करने का दिन - रात प्रयास करने लगता है जिसके कारण पिछली बार उसका सिलेक्शन डिस्टिक टीम में नहीं हुआ था।
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धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
गुॅंजन कमल 💗💞💗
डॉ. रामबली मिश्र
05-Feb-2023 09:42 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Varsha_Upadhyay
05-Feb-2023 06:51 PM
Nice 👍🏼
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प्रिशा
04-Feb-2023 10:57 PM
Nice post
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