फ़र्ज(भाग:-4)
फ़र्ज़ चैप्टर 4
अब तक आपने पढ़ा अभिमन्यु मेजर साहब को पार्टी के लिए मना लेता है मेजर साहब अभिमन्यु को तैयारी करने के लिए कहते हैं सब थोड़ी देर खेलते हैं फिर सोने चले जाते हैं
********************
अब आगे
आज फिर अभिमन्यु जल्दी उठ गया था, और तैयार हो कर 5 बजे से पहले ही ग्राउंड आ गया था! वो जब ग्राउंड में आया तब उसने देखा कि कैप्टन जय पहले से महजूद थे!
अभिमन्यु उनके पास जाके बोला "आप आज जल्दी कैसे , आज सूरज कहा से निकला है भाई"
जय बोला - "कैप्टन अभी तक सूरज नही निकला है"
अभिमन्यु को भी याद आया अभी तक तो 5 भी नही बजे है वो बोला "हा कैप्टन यह तो में भूल ही गया था"
और दोनों हँसने लगते हैं कैप्टन जय हँसते हुए बोले "वैसे मेजर सर ने हम दोनो को ही आज जल्दी परेड खत्म करके अपने केबिन में बुलाया था"
दोनो कुछ देर बात करते हैं फिर एक एक कर के सारे जवान आने लगे और दोनो कैप्टन ने परेड शुरू की।
परेड खत्म होने के बाद सभी नास्ता करने गए वहा से दोनों जल्दी मेजर सर के पास पहुंचे। मेजर ने दोनो को बैठ ने को बोला और फिर वो बोले की "ऊपर से आर्डर आया है की अभी से ही सुरक्षा बड़ा दी जाए!
26 जनवरी पर कोई गड़बड़ी ना हो किसी भी प्रकार की! इसलिए तुम दोनों अभी जाओ और सारी चेक पोस्ट पर सुरक्षा के इंतजाम देख कर आओ! ओर पिछली वाली जगह से नई फ़ाइल लेकर आना और यह फ़ाइल उन्हें दे देना" मेजर ने उन दोनों की तरफ एक फ़ाइल बढ़ाई!
दोनो वो फ़ाइल लेकर निकल गए ओर एक-एक कर सारी चेक पोस्ट पर सुरक्षा के इंतजाम देखने लगे! यह सब करने में उन दोनों को दोपहर के 2 बज गए थे! अब दोनो फ़ाइल देने के लिए बाजार गए वहा से नई फ़ाइल लेकर पुरानी वापस दी! इन सब कामो को अभिमन्यु बहुत जल्दी कर रहा था कैप्टन जय कब से यह बात नोटिस कर रहे थे पर बोले कुछ नही!
वहाँ से काम खत्म करके अभिमन्यु ने गाड़ी बाजार में एक जगह रोकी ओर गाड़ी से बाहर निकल कर खड़े हो गए! सोफिया ने जैसे ही अभिमन्यु को वहाँ देखा उसकी तरफ दौड़ पड़ी! अभिमन्यु ने उसे अपनी तरफ आते देख नीचे बैठ गया और सोफिया आके उसके गले लग गयी!
अभिमन्यु ने सोफिया का हाथ पकड़ कर सलीम के पास लेकर गया अभिमन्यु ने सलीम ओर साइमा को नमस्ते बोला और हालचाल पूछ कर सोफिया को अपने साथ आइसक्रीम खाने ले जाने की अनुमति मांग कर दोनों आइसक्रीम लेके एक तरफ बैठ गए! दोनो बातें करते आइसक्रीम खा ली अभिमन्यु उसको उसके स्कूल के बारे में बात कर रहा था। सोफिया अचानक अभिमन्यु की गोद मे सिर रख कर लेट गयी!
सोफिया को देख कर अचानक उसके दिमाग को एक झटका लगा उसने अपनी आँखें बंद कर दी। उसकी बन्द आखो के सामने कुछ आने लगा । जिसमे वो एक सोफे पर बैठा है और उसकि गोद मे कोई लेटा हुआ है ओर आस पास किसी एक औरत की आवाज आ रही है जो कोई लोरी गा रही है। अभिमन्यु के मुँह से अचानक बोल निकल गए ओर वो गाने लगा और साथ मे सोफिया के सिर में हाथ गुमा रहा था।
आ ले के चलूं तुझको
एक ऐसे देश में
आ लेके चलूं तुझको
एक ऐसे देश में
मिलती हैं जहाँ खुशियाँ
परियों के भेस में
मिलती हैं जहाँ खुशियाँ
परियों के भेस में
परियों के भेस में..
आ लेके चलूं तुझको
हो चाँद चाहे आधा
हो फिर भी रोशनी
हो चाँद चाहे आधा
हो फिर भी रोशनी
उम्मीद जो ना च्छुटे
हर बात है बनी
रातों के सुर से निकले
सुबह की रागिनी
लॉरी तुझे सुनौउन
लॉरी तुझे सुनौउन
बचपन की एक मैं
लॉरी तुझे सुनौउन
बचपन की एक मैं
मिलती हैं जहाँ खुशियाँ
परियों के भेस में
परियों के भेस में..
आ लेके चलूं तुझको..
मैं आसमान को खिड़कियों से
घर में ला डून
मैं आसमान को खिड़कियों से
घर में ला डून
सारे के सारे तारे
यहाँ चुन ले ला डून
सपनो में रंग मॅन के
यून ही भारती आई हूँ
हर दर्द भूल जौन
हर दर्द भूल जौन
यून ही खेल खेल मेंहर दर्द भूल जौन
यून ही खेल खेल में
मिलती हैं जहाँ खुशियाँ
परियों के भेस में
परियों के भेस में..
आ लेके चलूं तुझको..
लोरी सुनते सुनते सोफिया सो चुकी थी और अभिमन्यु की आखों से लगातार आँसू निकल रहे थे! उसने पहले अपने आँखे साफ की ओर फिर सोफिया को उठा कर साइमा के पास लेकर गया और वहाँ ले जाकर उसको लेटाकर गाड़ी की तरफ चल पड़ा! एक बार फिर उसकी आँखों से पानी बहने लगा , जय ने बिना कुछ बोले गाड़ी चालू की ओर बेस कैंप की ओर चल पड़े! जय कबसे अभिमन्यु की हर गतिविधिया देख रहा था इसलिए उसने कुछ नही पूछा!
थोड़े दूर आकर अभिमन्यु ने गाड़ी रोकने के लिए बोला जय ने गाड़ी रोड़ के एक तरफ रोक ली ! अभिमन्यु बाहर निकल कर रोने लग गया। जय ने पहले कभी उसे इस तरह से ओर ना कभी रोते देखा था । पर आज वो इंसान रो रहा था जो सबको बोलता रहता है कि हमेशा खुश रहो।
जय ने जाकर अभिमन्यु के कंधे हाथ रखा वैसे ही अभिमन्यु जय के गले लग कर जोर से रो पड़ा। वो रोते हुए बोल रहा था कि "क्या गुनाह किया था मैंने? जो भगवान ने मुझे मेरे माँ पापा से अलग कर दिया मुझे तो उनका चेहरा भी याद नही , नाम तक भूल गया! कभी कभी एक छोटी बच्ची दिखाई देती है एक डॉल के साथ खेल रही है शायद वो मेरी बहन होगी पर उसका चेहरा भी याद नही मुझे।ऐसा मेरे साथ ही क्यू हुआ?
जय क्या बोलता उसके पास भी अभिमन्यु के किसी भी प्रशन का उत्तर नही था । वह बस अभिमन्यु को चुप करा रहा था और बोल रहा था कि "सब ठीक ही जायेगा"
वो ओर बोल भी क्या सकता था। धीरे धीरे अभिमन्यु का रोना सिसकियों में बदल गया ओर वो थोड़ा शांत हुआ जय ने उसको पानी की बोतल दी उसने पानी पीया ओर मुँह धोकर गाड़ी में बैठ गया। जय ने गाड़ी आगे बढ़ाई ओर दोनो कुछ देर में कैम्प पहुंच गए।
दोनो फ़ाइल ले कर मेजर सर के केबिन की ओर बढ़ गए! दोनो काफी लेट हो गए थे मेजर कुछ बोलने को हुए तो अभिमन्यु की रोने की वजह से लाल हुई आँख की तरफ़ ध्यान गया उनका । वो कुछ नही बोले फ़ाइल लेके उसे पढ़ने लगे । मेजर ने अभिमन्यु को जाने का बोला और जय को अपने पास रोका । अभिमन्यु के जाने के बाद मेजर ने कैप्टन जय से पूछा "क्या हुआ अभिमन्यु की आँखे इतनी लाल क्यों थी जैसे बहुत रोया हो"
जय ने मेजर को सारी बात बता दी। मेजर बोले "उस दिन पता नहीं क्या हादसा हुआ जिससे अभिमन्यु ने अपना सब कुछ खो दिया था, उसको आपने अतित के बारे में कुछ भी याद नही है, इतने साल हो गए वो ना तो ढ़ग से भूल पा रहा है और ना ही ढंग से कुछ याद आ रहा है, पता नही क्या होगा आगे भगवान जाने क्या लिखा हुआ है अभिमन्यु की जिंदगी में"
अभिमन्यु अपने कमरे में आकर कपड़े बदल कर सो गया। उसको सोते ही नींद आ गयी वो आज काफी हद तक थक गया था!
रात को जय उसको बुलाने आया खाना खाने के लिए। जय ने उसको उठाया अभिमन्यु उठ कर बाथरूम में चला गया। जब वो वापस आया तब जय बोला "कैप्टन एक जोक सुनोगे" , अभिमन्यु बोला "मेरे मना करने के बाद भी तो तुम सुनाओगे तो फिर अभी सुना दो" । जय हँसते हुए बोला "बिल्कुल
कोर्ट में एक्सीडेंट केस की सुनवाई चल रही थी,,,
जज :- आपके पास क्या सबूत है कि आप गाड़ी धीरे चला रहे थे।
मुजरिम:- हुजुर मैं अपनी पत्नी को लेने ससुराल जा रहा था😢😢😢।
जज:- रिहा कर दो इस मासूम को इसने कुछ नही किया😂😂😂😂।
दोनो जोर से हँसने लगे। जय बोला "अब कैसा लग रहा है कैप्टन"। अभिमन्यु बोला "जब आपके जैसे इतने अच्छे दोस्त हो तो जिंदगी में क्या हो सकता है"। अभिमन्यु, जय के गले लगते हुए बोला....
बेवहज है तभी तो दोस्ती है ,,
वजह होती ,तो साजिश होती।।
दोनो एक दूसरे के गले मे हाथ डाले बाहर आ गए। सभी उन दोनो को देख रहे थे। सभी ने खाना खाया और वापस अपने अपने रूम की तरफ चल पड़े । सभी को आराम करना था क्योंकि कल से पार्टी की तैयारी शुरू होगी । 3 दिन ही रह गए है।
अभिमन्यु ओर जय दोनो साथ मे मेस से बाहर निकले। अभिमन्यु जय को आराम करने का बोल कर उस तरफ जाने लगा जहाँ वो हमेशा जाता था जय ने उसको रोका और बोला "अपना ध्यान रखना"। अभिमन्यु , जय के गले लगा और उसको शुभरात्रि बोल कर चला गया।जय ने भी उसको नही रोका क्योंकि उसे भी पता था कि आज दोपहर में जो हुआ उसके बाद अभिमन्यु के जख्म ताजा हो गए है और जब तक वो अकेला नहीं रहेगा तब तक उसके अंदर जो तूफ़ान चल रहा है वो शांत नही होगा।
अभिमन्यु आ कर एक पत्थर पर बैठ गया और आसमान में चमकते हुए तारों को देख कर मुस्कुराया। ओर बोला "आप तो काफी खुश होंगी अपने बेटे को इस तरह कमजोर पड़ते हुए देख कर परन्तु में कमजोर नही पडूंगा क्योंकि किसी के सपने मुझसे जुड़े हुए है।ओर में उन्हें में निराश नही कर सकता"
अभिमन्यु अपनी नम आँखो से आसमान की ओर देखते हुए बोला
"आपकी बहुत याद आती है माँ"...
"माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ माँ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ माँ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ"
यह बोलते हुए उसकी पलके गीली हो गयी थी इसलिए वो उठा और शुभ रात्रि बोल कर अपने कमरे की ओर चल पड़ा। कमरे में आकर वो जल्दी ही नींद की आगोश में चला गया।
किसके सपने पूरे करने की बात कर रहा है अभिमन्यु? और क्या है वो सपना? क्या अभिमन्यु उस सपने को पुरा कर पायेगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी फ़र्ज़ मिलते हैं अगले चैप्टर मे तब तक के लिए बाय बाय
कमशः
।। जयसियाराम ।।
Vishalramawat"सुकून"(जाना)
वानी
Natasha
04-Apr-2023 05:08 AM
अच्छी है बस थोड़ी शब्दों मे mistake है
Reply
Sandesh kumar 'Sarthak'
01-Mar-2023 10:27 AM
क्रमशः होता है जी,,
Reply
Sandesh kumar 'Sarthak'
01-Mar-2023 10:13 AM
लाॅरी नहीं लोरी होता है जी गीत में शब्द सही करें
Reply