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लेखनी प्रतियोगिता -06-Feb-2023

स्वेच्छिक (प्रतियोगिता के लिए)  


" छोड़ने से शुरू छोड़ने पर ख़तम "

जब तुम पैदा हुए तो माँ थी गुरू 
यहीं से हुई थी तुम्हारी जिंदगी शुरू 

जब पढ़ने गए नर्सरी में तो 
माँ को छोड़ा था 
आगे बढ़ने के लिए ही तो 
वो नाता तोड़ा था। 

जब गए पहली में तो प्रेप को छोड़ दिया 
एक बार फिर  सीढ़ी से नाता जोड़ लिया 

स्कूल की पढ़ाई कर फिर कॉलेज 
की ओर मुख मोड़ दिया 
देखिए अबकी बार स्कूल भी छोड़ दिया 

नौकरी के लगने की थी देर और 
कॉलेज को निचोड़ दिया 
जिम्मेदारी ने फिर आवारगी को छोड़ दिया l

हो गई शादी तो फिर कुंवारा पन मोड़ दिया
माँ बनते ही पत्नी को झंझोड़ दिया 

सास के लिए माँ का दामन छोड़ दिया 
सास बनते ही बहुओ पर घर को छोड़ दिया 

अब आई फिर जाने की बेला 
परमात्मा की चाह में 
आत्मा को सिकोड़ लिया और 
मौक्ष को पाने की खातिर 
आखरी सांस को भी छोड़ दिया। 

अपर्णा शर्मा 



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8 Comments

Varsha_Upadhyay

10-Feb-2023 08:41 PM

बहुत ही सुंदर

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Gunjan Kamal

08-Feb-2023 08:59 PM

शानदार

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अदिति झा

08-Feb-2023 10:25 AM

Nice 👌

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