रिश्तेदार

रिश्तेदार

जितना मतलब उतना निभा रहे व्यवहार
मौसम जैसे रंग बदलते, नाते रिश्तेदार।

मुंह में राम बगल में छुरी, ऐसा है बरताव
जब तक पैसा पास में रहता रिश्ता और लगाव।

आगे मीठे बोलते पीछे उगलें आग
ऐसे रिश्तेदार ही रिश्तों पर हैं दाग।

बखत पड़े बनाए लो गधे को चाहे बाप
जब निकले अपना काम तो घर फूंक रहे हैं ताप।

अपना उल्लू साधना जीवन का मूल मंत्र
तिकड़म सदा भिड़ाए के यत्र तत्र सर्वत्र।

ऐसे रिश्तेदार से प्रभु बचाओ जान
रिश्ता हुआ जंजाल ये, हमने पकड़े कान।

चाची मौसी ताई बुआ सब का एक ही हाल
रिश्ता तब तक धारिए जब तक मिलेगा माल।।

आभार – नवीन पहल –०७.०२.२०२३ 😬😬
नोट: सभी सच्चे नातों से क्षमा सहित 🙏🙏

# प्रतियोगिता हेतु 


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7 Comments

Punam verma

08-Feb-2023 09:03 AM

Very nice

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शानदार सृजन

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Abhinav ji

08-Feb-2023 08:20 AM

Nice

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