मुहब्बत
मुहब्बत
अधूरी मुलाकातों का भी अपना ही अफसाना है
दिल चाहे ठहर जाएं लम्हे, ये किस्सा पुराना है।
वक्त तो वक्त है ठहरता नहीं किसी के लिए
ये भी तय है जो आया उसको जाना है।
मुहब्बत में फिजूल हैं गिले शिकवे यारों
दिल हार चुके जिस पर, उसी पर जान लुटाना है।
ये वो रहमत है जो बरसती है चंद दीवानों पर
जो इबादत ना जाने, उसने कब इसको पहचाना है।
दिल का चैन ओ खुलूस गवाने को रहना तैयार
एक बेसब्री है उम्र भर की, जिसको मुहब्बत समझता जमाना है।।
आभार – नवीन पहल – ०८.०२.२०२३😍❤️
# प्रतियोगिता हेतु
Punam verma
09-Feb-2023 09:12 AM
Very nice
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Abhinav ji
09-Feb-2023 08:12 AM
Very nice 👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
09-Feb-2023 07:18 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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