कोई_किस_कब_कहां_क्यों
#कोई_किस_कब_कहां_क्यों
कोई रात भर चैन से सोता रहा,
कोई उसकी याद में रोता रहा,
कोई दीवाना बना कोई फकीर,
कैसी प्यार की है अनोखी तस्वीर।
किसी का हर कोई यहां गुलाम है,
किस नशा में ज़िंदगी का जाम है
किसी के हिस्से है प्यार की पीर
कोई माना इसे अपनी तकदीर।
कोई जो टूट गया वो सपना था
कहीं जो रूठ गया वो अपना था
कई प्यार वाले नैन बहाते हैं नीर
किसी के पैरों में पड़ती है जंजीर।
क्या देना अब सब जब तेरा हुआ है
किसी की आंख का तू सवेरा हुआ है
क्यों खींचा पल भर सुकून की लकीर
कैसे बन गया वह ख्वाबों की ताबीर।
प्रणाली श्रीवास्तव
स्वरचित
#pranalipoetriesforyou
#poetrylovers #everyone
Gunjan Kamal
09-Feb-2023 07:38 PM
बहुत खूब
Reply
डॉ. रामबली मिश्र
09-Feb-2023 09:25 AM
शानदार प्रस्तुति 👌
Reply