Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Feb-2023 प्रकृति भी रचे रचना

 शीर्षक-प्रकृति भी रचे रचना

प्रकृति पहन पीत गहना,कुसुमकाल की बहना।
सभी फसल अब लहरें,सभी जगह है पहरे।

लगे पत्र अब झरने,लगे आज मन हरने।
धरत्रि लगे खिलने,प्रकृति भूमि लगे मिलने।

प्रकृति रूप निखरे,जगह-जगह ये बिखरे।
गगन से नखत उतरे,मगन है नयन नजरें।

सुहानी लगी  रजनी,प्रकृति अब बने सजनी।
लगी रात अब जॅंचना,प्रकृति भी रचे  रचना।

प्रियंका भूतड़ा

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4 Comments

Gunjan Kamal

09-Feb-2023 07:36 PM

बहुत खूब

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Punam verma

09-Feb-2023 08:47 AM

Nice one

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Abhinav ji

09-Feb-2023 08:06 AM

Very nice 👍

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