Rajeev kumar

Add To collaction

लेखनी कहानी -09-Feb-2023

ऐसा ही प्यार है

सलोना सा बांका युवक, हुस्ट-पुष्ट, गठीला बदन, आँखें कजरारी और लहराते बाल वाला खुबसूरत नौजवान,  बसंत ऋतू में रंग-बिरंगी तितलियों के पीछें भाग रहा था और उसके अन्दर मचल रहे थे कई अरमान।
अरमान प्रेमिका के मिलने का जो खुद तीतलियों की शोकिन थी।
उसका प्रेमी सलोना सा बांका युवक जिसका नाम रोहन था उसने कहा था ’’ अगले दिन जब मैं मिलंुगा तो तुम्हें ढेर सारी तीतलियां दुंगा, तुम चाहे शीशे की जार में उसको कैद करना या फिर चाहे उड़ा देना। ’’
तो रोहन तितलियों के पीछे भाग रहा था। तितलियां पकड़ना उसका शौक नहीं था और न तो कभी तीतलियों के पीछे आज से पहले कभी भागा था, मगर पे्रम क्या क्या न कराए।
कई बार तितलियां रोहन की पकड़ में आते-आते उड़ गई। तितलियां हर बार रोहन को धोखा दे गयीं।
तितलियों का यह अट्ठाहस और अपना विफल प्रयास रोहन को क्रोधित कर रहा था, थक के हार के कुछ देर के लिए बैठ गया, तो एक नन्हे बालक ने आकर कहा ’’ लीजिए, आप मेरी तीतली ले लीजिए। ’’
रोहन ने उस बच्चे का पीठ थपथपा कर ’’ नहीं लुंगा ’’ इशारे मेें कहा  और बच्चा के वहां से जाते ही वो खो गया हसिन यादों के गलियारे में। उसको याद हो आया कि अपने प्रेमिका को पाने के लिए कितने जतन करने पड़े थे। पहले तो बहूत मुश्किलों के बाद उसका नाम पता मालूम हुआ था, नहीं तो बहूत दिनो तक प्रेमिका का शांत, सुन्दर चेहरा मन-मस्तिष्क मे खलबली मचाता रहा। बेकरारा दिल को करार देते-देते बहार को अपना बना पाया था। उसकी गली में बदनाम हुआ सो अलग, उसके मिलने से इतनी शक्ति का आभाष हुआ कि वो गली के लड़कांे से उलझने मंे गुरेज न करता।
अपनी सोच की दरिया से बाहर निकला तो निश्चय किया कि जब अपना प्रेम पा सकता हुं तो प्रेमिका की खुशी के लिए तीतली नहीं पकड़ सकता ?
रोहन बेतहाशा दौड़ा, ठोकड़ लगी, गिरते-गिरते एक तीतली पकड़ पाया। गिरने से उसकी पांव और केहूनी छिल गई मगर तीतली को अपनी पकड़ से न जाने दिया।
तीतली लिए जब वो अपनी प्रमिका काव्या के पास आया तो वो बहूत खुश हुई मगर कुछ ही पल के बाद उदास हुई और बोली ’’ देखो तो कितनी तड़प रही है, शायद अपने पे्रमी के लिए बेचैन है। इसको आजाद करन ही अच्छा है। किसी बिछड़े को मिलाना ही प्रेम है। ’’ काव्या ने तीतली को आजाद कर दिया।
रोहन ने अपनी छिल चुकी, खुन से रंगी केहूनी की तरफ देख कर अपनी प्रेमिका की हंसी और भावना को समझ कर खुश हो जाना अच्छा समझा।
समाप्त

   9
5 Comments

अदिति झा

11-Feb-2023 12:09 PM

Nice 👌

Reply

Varsha_Upadhyay

10-Feb-2023 09:01 PM

Nice 👍🏼

Reply