गीत(शिवशंकर)
गीत(शिवशंकर)
*गीत*(शंकर छंद-16/10)
सावन मास परम प्रिय लागे,
जपो शिव का नाम।
बम-बम-बम-बम कहते जाओ-
चलो शिव के धाम।।
नाचत-गावत लेकर काँवड़,
चलते जाओ सब।
नंगे पाँव पहन केसरिया,
दिखलाओ करतब।
मस्त भक्त शिवशंकर के तुम-
करना न आराम।।
बम-बम-बम...........।।
राहें हों पथरीली चाहे,
वर्षा भीगे तन।
उछलत-कूदत चलो दिवानों,
बिना थके भी मन।
लिए हाथ में डमरू सब जन-
करो ध्वनि अभिराम।।
बम-बम-बम............।
महादेव शिवशंकर-पूजा,
है परम पुनीता।
नहीं भावना होती भावन,
है जो विपरिता। ।
विल्व-पत्र सँग गंगाजल ले-
चलो,चाहे घाम।।
बम-बम-बम..............।
नीलकंठ-शिवशंकर-भोले,
शशि सुशोभित भाल।
गंग-धारिणी जटा निराली,
गले माला व्याल।
जन-जन के आराध्य यही हैं-
शिव और श्रीराम।।
बम-बम-बम-बम कहते जाओ-
चलो शिव के धाम।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र(अयोध्या,उ0प्र0)
9919446372
Swati chourasia
13-Feb-2023 08:30 PM
वाह बहुत ही खूबसूरत रचना 👌👌
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अदिति झा
11-Feb-2023 12:18 AM
Nice 👍🏼
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Radhika
10-Feb-2023 09:50 PM
Nice
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